अच्छा चरवाहा मै हूँ

कलाम-उल्लाह के अक्सर मुक़ामात में ख़ुदा तआला को गडरिए या चौपान से, और उस के ईमानदार बंदों को भेड़ों से तश्बीह दी गई है। और जमाअत मोमिनीन को गल्ला कहा गया है। चुनान्चे दाऊद ने फ़रमाया कि “ख़ुदावन्द मेरा चौपान है। मुझको कुछ कमी नहीं” और अपने को भेड़ से तश्बीह देकर कहा, “वो मुझे […]

Read More

हरी चरित्र या आदि ग्रंथ और बाइबल का मुकाबला

ये नादिर किताब जो फ़िलहाल मतबअ अमरीकन मिशन लूधियाना में अव्वल मर्तबा छपी है। आदिग्रंथ और बाइबल के दर्मियान अजीब मुताबिक़त (मुशाबहत, बराबरी) ज़ाहिर करती है। इस के मोअल्लिफ़ (तालीफ़ करने वाला, किताब लिखने वाला) रोशन ज़मीर पण्डित वालजी भाई गुजराती ने सवाल व जवाब के तौर पर हर एक मज़्हबी ताअलीम को जो मसीही […]

Read More

किसी दूसरे के वसीले से नजात नहीं

उन्नीसवीं सदी हुआ आती है कि ये कलाम कहा गया। हज़ारों मील हमसे दूर पतरस हवारी (शागिर्द) की ज़बानी अहले यहूद की बड़ी कचहरी में क़ैदी की हालत में उनके बड़े बड़े सरदारोँ और बुज़ुर्गों के रूबरू (आमने सामने) ये अल्फ़ाज़ कहे गए। ज़मानों को तै कर कर ये अल्फ़ाज़ समुंद्र और ख़ुशकी का सफ़र […]

Read More

लेकिन अगर ख़ुदा की तरफ़ से है

“क्योंकि ये तदबीर या काम अगर आदमीयों की तरफ़ से है तो आप बर्बाद हो जाएगा। लेकिन अगर ख़ुदा की तरफ़ से है तो तुम इन लोगों को मग़्लूब ना कर सकोगे।” (आमाल 5:38-39) But if it is from God लेकिन अगर ख़ुदा की तरफ़ से है By One Disciple एक शागिर्द Published in Nur-i-Afshan […]

Read More

रूह-उल-क़ुद्स और मुहम्मद

Holy Spirit and Muhammad रूह-उल-क़ुद्स और मुहम्मद By One Disciple एक शागिर्द Published in Nur-i-Afshan Jan 12, 1891 नूर-अफ़्शाँ मत्बूआ 12 जनवरी 1891 ई॰ लेकिन जब रूह-उल-क़ुद्स तुम पर आएगा तो तुम क़ुव्वत पाओगे। और यरूशलेम और सारे यहूदिया व सामरिया में बल्कि ज़मीन की हद तक मेरे गवाह होगे। (आमाल 1:8) लूक़ा के चौबीसवें […]

Read More

कोई दानिशमंद कोई ख़ुदा का तालिब

Someone wise, Someone seeking God कोई दानिशमंद कोई ख़ुदा का तालिब By One Disciple एक शागिर्द Published in Nur-i-Afshan Jan 9, 1894 नूर-अफ़्शाँ मत्बूआ 9 जनवरी 1894 ई॰ “ख़ुदावंद आस्मान पर से बनी-आदम पर निगाह की ताकि देखे कि कोई दानिशमंद कोई तालिब है या नहीं। वो सब के सब गुमराह हुए। वो बाहम नजिस […]

Read More

हमने सुना भी नहीं कि रूह-उल-क़ुद्स नाज़िल हुआ है

We have not even heard that there is a holy spirit. हमने सुना भी नहीं कि रूह-उल-क़ुद्स नाज़िल हुआ है By One Disciple एक शागिर्द Published in Nur-i-Afshan February 9, 1894 नूर-अफ़्शाँ मत्बूआ 9 फरवरी 1894 ई॰ उन्हों ने उस से कहा हमने तो सुना भी नहीं कि रूह-उल-क़ुद्स नाज़िल हुआ है। (आमाल 19:2) ये […]

Read More

अच्छा चरवाहा मै हूँ

I am the Good Shepherd अच्छा चरवाहा मै हूँ By One Disciple एक शागिर्द Published in Nur-i-Afshan February 2, 1894 नूर-अफ़्शाँ मत्बूआ 2 फरवरी 1894 ई॰ अच्छा चरवाहा मैं हूँ। अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिए अपनी जान देता है। (यूहन्ना 10:11) कलाम-उल्लाह के अक्सर मुक़ामात में ख़ुदा तआला को गडरिए या चौपान से, और उस […]

Read More

हरी चरित्र या आदि ग्रंथ और बाइबल का मुकाबला

A Comparison of Adh Granth and Bible हरी चरित्र या आदि ग्रंथ और बाइबल का मुकाबला By One Disciple एक शागिर्द Published in Nur-i-Afshan March 9, 1894 नूर-अफ़्शाँ मत्बूआ 9 मार्च 1894 ई॰ ये नादिर किताब जो फ़िलहाल मतबअ अमरीकन मिशन लूधियाना में अव्वल मर्तबा छपी है। आदिग्रंथ और बाइबल के दर्मियान अजीब मुताबिक़त (मुशाबहत, […]

Read More

किसी दूसरे के वसीले से नजात नहीं

Salvation is found in no one else किसी दूसरे के वसीले से नजात नहीं By One Disciple Published in Nur-i-Afshan March 23, 1894 एक शागिर्द नूर-अफ़्शाँ मत्बूआ 23 मार्च 1894 ई॰ और किसी दूसरे के वसीले से नजात नहीं क्योंकि आस्मान के तले आदमीयों को कोई दूसरा नाम नहीं बख़्शा गया जिसके वसीले से हम […]

Read More

शाही दावत का देने वाला

The Royal Invitation शाही दावत का देने वाला By One Disciple एक शागिर्द Published in Nur-i-Afshan August 22, 1889 नूर – अफ़शाँ मत्बूआ 22 , अगस्त 1889 ई ॰ मेरे पास आओ ये शाही दावत है क्योंकि इस का देने वाला बादशाहों का बादशाह है हम उस के अल्फ़ाज़ से अच्छी तरह से वाक़िफ़ हैं […]

Read More

ग्रेशीन मिथ्यालोजी

Greek Mythology ग्रेशीन मिथ्यालोजी By One Disciple एक शागिर्द Published in Nur-i-Afshan June 20, 1889 मत्बूआ 20, जून 1889 ई॰ जब हमारी नज़र दुनिया के बेशुमार मज़ाहिब और मुख़्तलिफ़ क़िस्म के अक़ीदों पर पड़ती है जब कि हम देखते हैं कि इस मुआमले में कितना कुछ इख़्तिलाफ़ राय हैं। तो तबीयत हैरान और अक़्ल परेशान […]

Read More