क्या ज़रूर है कि मोअजिज़ा भी इल्हाम या रिसालत के साथ हो?
Is Miracle part of Inspiration? क्या ज़रूर है कि मोअजिज़ा भी इल्हाम या रिसालत के साथ हो? By Rev K.C.Chatterji पादरी के॰ सी॰ चटर्जी Published in Nur-i-Afshan July 11, 1889 मत्बूआ 11, जुलाई 1889 ई॰ इस सवाल के मुख़्तलिफ़ जवाब दीए गए हैं बाज़ों के ख़्याल में ये है कि मोअजिज़ा बिल्कुल ज़रूर नहीं है […]