मसीही होना क्या है?

What is the meaning of Christian?

मसीही होना क्या है?
By

Mohan Lal
मोहन लाल
Published in Nur-i-Afshan Dec 19, 1889

नूर-अफ़्शाँ मत्बूआ 11 दिसंबर, 1890 ई॰
4-5 माह अर्सा गुज़रता है शहर बोस्टन (वाक़ेअ अमरीका) अख़्बार ज़ाइन हरलिड ने एक सर्कुलर छठी यूरोप और अमरीका के मशहूर आलिम फ़ाज़िल मसीहियों की ख़िदमत में भेज कर और उन से दरख़्वास्त की थी कि हम आपके निहायत ममनून व मशकूर होंगे अगर आप हमारे अख़्बार के लिए इस अम्र का कि मसीही होना क्या है? एक मुख़्तसर और मुदल्लिल जवाब तहरीर फ़रमाएं। हम यह दरख्वास्त इसलिए करते हैं ताकि अगर मुम्किन हो तो इस अहम सवाल के साफ़ और सादा जवाब तक पहुंच सकें।

बहुतों ने इस सवाल का जवाब तहरीर फ़रमाया सो कई एक साहिबान जवाबात का तर्जुमा हदिया नाज़िरीन करता है उम्मीद कि ख़ाली अज़ मुनफ़अत (फ़ाइदेमंद) ना होगा।

पादरी लेमैन एबिट (डी॰ डी॰), अह्दे-जदीद के बयान के बमूजब “मसीही होना” मसीह का पैरौ होना। उस से मुहब्बत रखनी। उस की मानिंद होने की कोशिश करना और ये उम्मीद रखना है कि जो काम उस ने अपने पेरौ (मानने वालों) को पूरा करने के लिए दिया है उस में मदद करेगा।

पादरी ए॰ पी॰ पियोबोडी (डी॰ डी॰ ऐल॰ ऐल॰ डी॰), मसीही वो है जिसकी इल्लत ग़ाई मसीह की मानिंद होना हो।

जोज़फ़ कुक, “मसीही” वो है जिसने नई पैदाइश और कफ़्फ़ारे के वसीले गुनाह और गुनाह की मुहब्बत से रिहाई पाई हो जो ख़ुदा को प्यार करता है और जिस चीज़ से ख़ुदा को नफ़रत हो उस चीज़ से मुतनफ़्फ़िर (नफरत करने वाले) रहता हो। जिसने ख़ुशी, मुहब्बत और बेरियाई से ख़ुदा को मसीह में अपना नजातदिहंदा और मालिक क़ुबूल किया हो और नीज़ मानता हो कि मसीह का सलीब-बर्दार होना ऐन सआदत मंदी है।

पादरी थीव रिदड, ऐल कलिर (डी॰ डी॰), इस सवाल का जवाब मसीह ने आप ही दिया है जबकि उन्हों ने अपने शागिर्दों से फ़रमाया कि जो कोई मेरी पैरवी करे, उसे चाहिए कि पहले अपने आपका इन्कार करे इसलिए जो शख़्स गुनाहों को तर्क करता और रूहुल-क़ुद्दूस की मदद से अपने मुनज्जी के हुक्मों पर अमल करने की कोशिश करता है “मसीही” है।

पादरी डी॰ डी॰ ए॰ वीडन (डी॰ डी॰), मसीही वो है जो मसीह को अपना नजातदिहंदा और आक़ा जानता है और ख़ुदा को ज़्यादा प्यार करता है और हमसाया को अपने जैसे ख़्याल करता है और गुनाह पर ग़ालिब आता, ख़ुदा के हुक्मों पर अमल करता। बद्यानिती, ख़ुदग़र्ज़ी, हसद बुग़्ज़ बेरहमी, हठ-धर्मी लालच वग़ैरह को अपने मिज़ाज में दख़ल नहीं देता है।

मिसनर मारगिर्ट बूटिम, मसीह की बातों पर ईमान रखना और उस के हुक्मों पर अमल करना “मसीही होना है।”

पादरी ऐडवर्ड एअर टेहील (डी॰ डी॰), मेरे ख़्याल में मसीह ने इस सवाल का जवाब आप ही दिया है कि, जो कोई मेरे बाप की जो आस्मान पर है मर्ज़ी बजा लाता है मेरा भाई, मेरी बहन, और माँ है।

पादरी होवर्ड करोसबी (डी॰ डी॰ एल॰ एल॰ डी॰), मसीही होने के लिए गुनाहों और हमेशा की मौत से रिहाई पाना, ख़ुदा को अपना नजातदहिंदा जानना। इब्ने अल्लाह पर ईमान लाना बहुत ज़रूरी है। जो इस पर तवक्कुल करते हैं इनमे से कोई मुजरिम ना ठहरेगा। (ज़बूर 34:22)

प्रोफ़ैसर डेविड सोंग (डी॰ डी॰), जिन अल्फ़ाज़ के बाद याए निस्बती आए इस से यही पाया जाता है कि ये चीज़ किसी से ताल्लुक़ रखती है। जैसे हिंदूस्तानी, लूदियानवी, अमृतसरी, यानी ऐसी अश्या जो हिन्दुस्तान लूदयाना और अमृतसर से ताल्लुक़ रखती हैं। उसी तरह मसीही यानी जो मसीह से ताल्लुक़ रखता हो, मसीही वो है जिस के खयालात और काम मसीह की मानिंद हों और जिसकी सबसे बड़ी ख़्वाहिश यही हो कि वो मसीह की मानिंद हो जाये।

पादरी ओ॰ पी॰ गफरड (डी॰ डी॰ बप्टिस्ट), जो उन सच्चाईयों को जो मसीह ने उन को सिखाई हैं क़ुबूल कर के उन पर अमल करे, वो ही मसीही है।

पादरी चार्ल्स ऐच॰ पर्टहर्स्ट (डी॰ डी॰ प्रेसब्रिटेरियन), हेइय्यत इन्सानी में ख़ुदा की ज़िंदगी को उतार लेना, या दूसरे लफ़्ज़ों में अपने ज़माने का छोटा मसीह होना है।

चार्ल्स डब्लयू॰ एलेट (एल॰ एल॰ डी॰), मेरे ख़्याल में मसीही वो है जो मसीह को रुहानी और बड़ा ख़लीक़ रहनुमा जाने और ख़ुदा और आदमियों से मुहब्बत रखने की कोशिश करे।

बरडन पी॰ बोन॰ (एल॰ एल॰ डी॰), ख़ुदा का फ़र्माबर्दार और ताअ्बेदार होना और मसीह में हो कर उस की रहमत पर भरोसा रखना। “मसीही” होना है।

पादरी सायरस ए॰ बरटल (डी॰ डी॰), यूनीटेरियन, औरों के फ़ायदे के लिए अपनी ज़िंदगी सर्फ़ करना “मसीही” होना है।

पादरी डेविड ऐच॰ मोर (डी॰ डी॰), मसीह की लाईफ़ के नमुने पर अपनी ज़िंदगी की बुनियाद ड़ालना या दूसरे लफ़्ज़ों में मसीह के नक़्श-ए-क़दम पर चलना।

पादरी आर्थर टी॰ पैरसन (डी॰ डी॰) मसीह को अपना नजातदहिंदा और आक़ा मानना, नजातदहिंदा ताकि गुनाहों की मग्लुबियत और उस की सज़ा से रिहाई दे और आक़ा ताकि दिल और लाईफ़ पर हुकूमत करे। इसलिए मसीही वो है जो दिल से मसीह पर ईमान लाता और उस की पैरवी करता है।

मिसनर जी॰ आर॰ एल्डन, मसीह को इस क़द्र प्यार करना कि वो दिल पर हुकूमत करे।

मिसनर सेरा के॰ बोल्टन, पस जो कुछ कि तुम चाहते हो कि लोग तुम्हारे साथ करें तुम भी मसीह की ख़ातिर उन के साथ वैसा ही किया करो।

मिसनर मेरी ए॰ लूरमोर, जो शख़्स अपने हम जिंसों से हम्दर्दी नहीं करता वो मसीही नहीं हो सकता इसलिए के मसीह की ज़िंदगानी का आला मक़्सद दुनिया की ख़िदमत करना था इसलिए उस के पैरों (मानने वालों) को भी वैसा ही करना चाहीए।

मेरन हार्लेंड, मसीही होना, मसीह के मस्लूब होने, मुर्दों में से जी उठने और आलम बाला को सऊद कर जाने पर ईमान लाना है और बचाने वाले ईमान SAVING FAITH का यही फल है कि दिन-ब-दिन उस की क़राबत बढ़ते जाएं और सुलाह-तसल्ली और क़ुव्वत की उसी से उम्मीद रखें। अगर हम उस से मुहब्बत रखें तो उस के हुक्मों पर भी चलेंगे। उस की उस के सच्चे फ़रज़न्दों की ख़्वाहिश को ज़ाहिर करती और उन के फ़अलों का नक़्शा खींच कर दिखाती है, जिस तरह उस ने हमसे मुहब्बत की हमारा भी फ़र्ज़ है कि हम दूसरों से मुहब्बत रखें।

ऑनरेबल राबर्ट सी॰ पट्मलियन (एल॰ एल॰ डी॰), मसीह होना मसीह का शागिर्द होना है या जैसा कि डॉ॰ थॉमस ओर्नलेड साहब अपनी एक चिट्ठी में तहरीर फर्मातें हैं कि जिस के इरादे और मंसूबे मसीह ही में हैं वह मसीही है।