शाही दावत का देने वाला
The Royal Invitation शाही दावत का देने वाला By Padri K C Chatarji पादरी के॰ सी॰ चटर्जी Published in Nur-i-Afshan August 22, 1889 नूर – अफ़शाँ मत्बूआ 22 , अगस्त 1889 ई ॰ मेरे पास आओ ये शाही दावत है क्योंकि इस का देने वाला बादशाहों का बादशाह है हम उस के अल्फ़ाज़ से अच्छी […]
मैं तुम से सच कहता हूँ
I Tell You the Truth मैं तुम से सच कहता हूँ By Rev.J.Newton रेव॰ जे॰ न्यूटोन Published in Nur-i-Afshan October 03, 1889 नूर-अफ़शाँ मत्बूआ 3, अक्टूबर 1889 ई॰ मैं तुमसे सच कहता हूँ कि जब तक ये सब कुछ हो ना ले इस ज़माने के लोग गुज़र ना जाऐंगे। (मत्ती 24:34) जब कि ख़ुदावंद यसूअ […]
एक पेशगोई जो पूरी हो चुकी
One Prophecy has been fulfilled एक पेशगोई जो पूरी हो चुकी By Rev.J.Newton पादरी जय, नियूटल Published in Nur-i-Afshan September 19, 1888 नूर-अफ़शाँ मत्बूआ 19, सितंबर 1889 ई॰ इंजील मुक़द्दस में (मत्ती की इंजील की 16:27-28) आयतों में हम पढ़ते हैं कि, “क्योंकि इब्न-ए-आदम अपने बाप के जलाल में अपने फ़रिश्तों के साथ आएगा तब […]
सहीफ़ा क़ुद्दुसी दिल्ली
The Holy Scripture सहीफ़ा क़ुद्दुसी दिल्ली By One Disciple एक शागिर्द Published in Nur-i-Afshan September 12, 1889 नूर-अफ़शाँ मत्बूआ 12, सितंबर 1889 ई॰ क़तअ़ तारीख़-ए-वफ़ात में (304 हि॰) ओला माद्दा सू-ए-जन्नत बरफ़त्त वाले हकीम तो दुरुस्त है। मगर तारीख़ तैयारी मर्क़द में दो गलतीयां में अगर हसत जाये फ़िदा मुहम्मद ख़ां के लफ़्ज़ हसत को […]
अवतार
The Incarnation अवतार By Rev.P.C Uppal पादरी पी॰ सी॰ ऊपल-अज़ Published in Nur-i-Afshan June 27, 1889 नूर-अफ़शाँ मत्बूआ 27, जून 1889 ई॰ अवतार किसे कहते हैं? इस सवाल के कई एक जवाब हैं। आम हिंदू लोग तो कहते हैं कि परमेश्वर (ख़ुदा तआला) आदमी का जन्म इख़्तियार कर लेता है। और यह जुग-दर-जुग होता आया […]
दीन ईस्वी का मोअजज़ाना सबूत
The Miraculous Proof of the Christianity दीन ईस्वी का मोअजज़ाना सबूत By One Disciple एक शागिर्द Published in Nur-i-Afshan October 03, 1888 नूर-अफ़शाँ मत्बूआ 3, अक्टूबर 1889 ई॰< मोअजिज़ा का असली माद्दा अजुज़-बिल-कस्र (عجز بالکسر) है और मअनी उस के नातवानी या आजिज़ हो जाने के हैं। हालत फ़ाइलीयत में मोअजिज़ा किया जाता है। तब […]
बाइबल और मसीह की उलूहियत पर एक एतराज़
The Objection on the Bible And Deity of Christ बाइबल और मसीह की उलूहियत पर एक एतराज़ By Rev.Mulawi Muhammad Shah मुहम्मद शाह Published in Nur-i-Afshan August 29, 1888 नूर-अफ़शाँ मत्बूआ 29, अगस्त 1889 ई॰ तस्लीम, 11 जुलाई 1889 ई॰ का नूर-अफ़शाँ बंदे की नज़र से गुज़रा और जब बंदे ने इस को पढ़ा तो […]
लफ़्ज़ मुहम्मदीम की हक़ीक़त
The Reality of the Hebrew Word Machamadim लफ़्ज़ मुहम्मदीम की हक़ीक़त By Rev.Mulawi Abduhla Bin Habib Alqureshi रेव॰ मौलवी अब्दुल्लाह बिन हबीब अल-क़ुरैशी Published in Nur-i-Afshan November 21, 1889 नूर-अफ़शाँ मत्बूआ 21, नवम्बर 1889 ई॰ रिसाला मुबश्शिर इंजील के सीग़ा मुरासलात में लफ़्ज़ “मुहम्मदीम” की निस्बत एक मुहम्मदी आलिम के वहम का इज़ाला जनाब पादरी […]
अवतार
The Reincarnation अवतार By Rev.P.C Uppal पादरी पी॰ सी॰ ऊपल-अज़ Published in Nur-i-Afshan September 05, 1886 नूर-अफ़शाँ मतबूआ 5, सितंबर 1886 ई॰ तनासुख़ (एक सूरत से दूसरी सूरत इख़्तियार करना) यानी चौरासी जीवन या आवागवन (हिंदूओं के एतिक़ाद के मुताबिक़ बार-बार मरने और जन्म लेने का सिलसिला) तनासुख़ यानी आवागवन किसे कहते हैं? इन्सान की […]
एक एतराज़ का जवाब
The Reply to the Objection on the Atonement एक एतराज़ का जवाब By Nasir नासिर Published in Nur-i-Afshan October 31, 1886 नूर-अफ़शाँ अक्टूबर 1886 ई॰ उमूमन मसीही मज़्हब के ख़िलाफ़ यह एतराज़ पेश किया जाता है कि चूँकि मसीह के गुनाहों कफ़्फ़ारा हुआ इसलिए मसीहीयों को गुनाह करने की इजाज़त मिल गई है, या यूं […]
राह-ए-निजात
The Way of Salvation राह-ए-निजात By One Disciple एक शागिर्द Published in Nur-i-Afshan August 22, 1889 नूर-अफ़शाँ मत्बूआ 22, अगस्त 1889 ई॰ जब हम इस बात को सोचते हैं कि एक ख़ुदा के हुज़ूर रसाई पाने के वास्ते लोगों ने अनेक (बेशुमार) मज़ाहिब ईजाद किए और बेशुमार अदयान (दीन की जमा) जारी किए तो हमको […]
दुनिया के बड़े आलिमों ने बाइबल की निस्बत क्या गवाही दी
The world’s greatest scholars and the Bible? दुनिया के बड़े आलिमों ने बाइबल की निस्बत क्या गवाही दी By Faitah Masih फ़त्ह मसीह Published in Nur-i-Afshan September 29, 1887 नूर-अफ़शाँ मत्बूआ 7, नवम्बर 1887 ई॰ दुनिया के बड़े आलिमों ने बाइबल की निस्बत क्या गवाही दी है जो लोग बाइबल को बग़ौर पढ़ते हैं उन […]