मूसा व येसू की मुवाफ़िक़त
कलाम पाक से करे तमीज़ (फ़र्क़) मूसा येसू मसीह का बहुत ही साफ़-साफ़ और खुला हुआ निशान था। चुनान्चे उसने ख़ुद बनी-इस्राईल के सामने अपने को ख़ुदावन्द येसू मसीह से निस्बत दी। जैसा कि इस्तिस्ना 18:15 में मर्क़ूम है। ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तेरे लिए तेरे ही दर्मियान से तेरे भाईयों में से मेरी मानिंद एक […]
मुक़द्दस तस्लीस
और बेशक यही दोनों बातें मसीही मज़्हब की ख़ास व ज़रूरी बातें, बल्कि आला उसूल हैं। जिन पर इन्सान की नजात का दारो मदार है। और चूँकि वो इसरारे इलाही हैं। इसलिए उनका पूरे तौर पर समझ में आना भी दायरा महदूद अक़्ल-ए-इंसानी से बिल्कुल बाहर और नामुम्किन अम्र है। जब कि हम इन्सान अपनी […]
मुझे कब मानते हो तुम
नाज़रीन हमारे ख़ुदावन्द येसू अल-मसीह ने इन्जील यूहन्ना 5:46 के मुताबिक़ यहूदीयों के रूबरू इस अम्र का दाअवा किया, कि मूसा ने मेरे हक़ में लिखा है और इसी की ताईद (हिमायत) में पतरस रसूल ने उन लोगों से जो निहायत हैरान हो के उस बर आमदा की तरफ़ जो सुलेमान का कहलाता है। उन […]
वाइज़ तुम्हारी कमरें बंधी रहें
मसीह कहता है कि मैं नागहानी रात के वक़्त जैसे दूल्हा शादी के लिए आता है तुम शागिर्दों के पास आऊँगा ख़ुदावन्द हम सब मसीहियों को हुक्म देता है कि तुम्हारी कमर बंधी रहे, और तुम्हारा दिया जलता है। Sermon Get dressed for Service वाइज़ तुम्हारी कमरें बंधी रहें By Padri Pram Sukh पादरी परम […]
ग्रेशीन मिथ्यालोजी
Greek Mythology ग्रेशीन मिथ्यालोजी By One Disciple एक शागिर्द Published in Nur-i-Afshan June 20, 1889 मत्बूआ 20, जून 1889 ई॰ जब हमारी नज़र दुनिया के बेशुमार मज़ाहिब और मुख़्तलिफ़ क़िस्म के अक़ीदों पर पड़ती है जब कि हम देखते हैं कि इस मुआमले में कितना कुछ इख़्तिलाफ़ राय हैं। तो तबीयत हैरान और अक़्ल परेशान […]
क्या ज़रूर है कि मोअजिज़ा भी इल्हाम या रिसालत के साथ हो?
Is Miracle part of Inspiration? क्या ज़रूर है कि मोअजिज़ा भी इल्हाम या रिसालत के साथ हो? By Rev K.C.Chatterji पादरी के॰ सी॰ चटर्जी Published in Nur-i-Afshan July 11, 1889 मत्बूआ 11, जुलाई 1889 ई॰ इस सवाल के मुख़्तलिफ़ जवाब दीए गए हैं बाज़ों के ख़्याल में ये है कि मोअजिज़ा बिल्कुल ज़रूर नहीं है […]